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मेगा पैकेज की पेहली झलक के बारे में वित्त मंत्री सीतारमण की कुछ जरुरी घोषणाएं:
प्रधानमंत्री मोदी बिते मंगलवार को राष्ट्र को संबोधीत करते हुऐ 20 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया था । बुधवार शाम 4 बजे वित्त मंत्री एक प्रेस कॉनफ्रंस कर उस मेगा पैकेज का विवरण करती हुई नज़र आई जहॉ उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकूर मौजूद थे।
विवरण की शुरुआत पी एम मोदी के व्यापक दृष्टिकोण के बारे में बताया, जिनमें आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभ का जिक्र किया जिनमें अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड शामिल हैं. देश के गरीबों, जरूरतमंदों, प्रवासियों, दिव्यांगों और देश के वृद्धों के प्रति जो जिम्मेदारी है उसे पूरा करने की बात कही है।
लॉकडाउन के बीच गरीब कल्याण योजना का ऐलान किया गया था जिसके तेहत लॉकडाउन में राशन और अनाज का वितरण किया गया. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी राशन बॉटा गया और लोगों के खाते में पैसे पहुंचाए गए
आने वाले दिनों में इस पैकेज की हर रोज अलग-अलग विस्तृत जानकारी दी जाएगी.
आज की घोषणा में MSME को लेकर कई बड़े ऐलान किए गऐ
छोटे उद्योगों (MSME) के लिए 6 बड़े कदम उठाए गए हैं.
इनमें MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा. जिसका फायदा 45 लाख यूनिटों को होगा और यह लोन चार साल के लिए दिया जाएगा.
परेशानियों से झुज रहे MSME के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. 2 लाख एमएसएमई को होगा फायदा.
एमएसएमई जो कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा.
MSME की परिभाषा में बदलाव किया गया है। जिसके लिए कानून में बदलाव किए जा चुके है.
जिनमें एक करोड़ से पांच करोड़ रुपये की निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी.
दस करोड़ से पच्चास करोड़ रुपये की निवेश वाली कंपनियां स्मॉल और बीस करोड़ रुपये से सौ करोड़ रुपये की निवेश वाली कंपनियां मीडियम यूनिट होगी। हर तरह के सेक्टर में लगी एमएसएमई को योजना से फायदा होगा।
सरकार की तरफ से 12 परसेंट EPF देने का एलान
सरकार की तरफ से अगस्त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी की रकम EPF में जमा करेगी. इससे 75 लाख से ज्यादा कर्मचारि और संस्थाओं को फायदा मिलेगा. हालही में मार्च, अप्रैल और मई में भी सरकार ने ही कंट्रीब्यूट किया था. इस सुविधा को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.
कुछ शर्तौं के साथ सरकार की इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी है और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है. लेकिन पीएसयू में 12 फीसदी ही ईपीएफ कटेगा.
15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा. नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान सरकार कर रही है. इसमें करीब 2500 करोड़ रुपये का खर्च होगा.
NBFC के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम का ऐलान
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (NBFC's & MFI,s & HFI,s) के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम का ऐलान किया गया है.
माना जा रहा है की RBI की घोषणों के बावजूद NBFC सेक्टर में काफी दबाव देखने को मिला
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कुछ और बड़े ऐलान
डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90 हजार करोड़ रुपये की योजना.
इसके अलावा विवाद से विश्वास स्कीम 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई. ITR भरने की आखरी तारिक 30 नवंबर तक बढ़ी. डायरेक्ट टैक्स असेसमेंट डेडलाइन भी बढ़ी
सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार जिनमें रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम शामील है.
इस 20 लाख करोड़ के मेगा पैकेज को लेकर चर्चा में पीएम मोदी के अलावा कई विभागों और संबंधित मंत्रालय चर्चा में शामिल रही है.
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